जगराम सिंह घाटमपुर
कानपुर,घाटमपुर/ललितपुर बुधवार को मानवाधिकार एक्शन फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष शुभम द्विवेदी अधिवक्ता ने बताया कि पीड़िता की मां ने पुलिस तहरीर में कहा कि उसकी 13 वर्षीय नाबालिग पुत्री को चंदन, राजभान, हरिशंकर एवं महेंद्र चौरसिया 22 अप्रैल को फुसलाकर भोपाल भगा ले गए थे। यहां तीन दिन तक उसे स्टेशन के पास गलियों में छिपाकर रखा। इस दौरान उसके साथ लगातार दुष्कर्म करते रहे। 26 अप्रैल को यह चारों लड़के उसकी बेटी को थाने में दारोगा के पास छोड़कर भाग गए। दारोगा ने उसे उसकी मौसी गुलाब बाई को सौंप दिया। 27 अप्रैल को सुबह बेटी को फिर थाने में बुलाया गया। आरोप है कि जैसे ही शाम हुई, उसकी मौसी ने उसको थानाध्यक्ष तिलकधारी सरोज के कमरे में भेज दिया, जहां उसके साथ दुष्कर्म किया |
यही नहीं 30 अप्रैल को लड़की को पुनः थाने में बुलाया और थानाध्यक्ष द्वारा बच्ची को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द किया गया। जब चाइल्ड लाइन में बच्ची की कांउसलिंग की गई तो बच्ची द्वारा यह सारी घटना बताई गई। इस मामले में पुलिस ने आरोपी थानाध्यक्ष पाली तिलकधारी सिंह सरोज, चंदन, राजभान, हरीशंकर, महेन्द्र चौरसिया व एक महिला के विरुद्ध धारा 363, 376, 376बी, 120बी व पोक्सो एक्ट एवं एससी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। संगठन का कहना है कि यह मामला मानवता को शर्मशार कर देने वाला है जिसने एक बच्ची को मानसिक व शारीरिक रूप से तोड़ कर रख दिया है।
मानवाधिकार एक्शन फोरम के अध्यक्ष शुभम द्विवेदी अधिवक्ता ने तीन मांग करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग में मामला दर्ज कराया है एवम मुख्यमंत्री संयुक्त सचिव भास्कर पांडे के यहां भी शिकायत दर्ज करते हुए शिकायत पत्र प्रेषित किया गया है जिसमे संगठन द्वारा कहा गया है कि मामले की उच्चस्तरीय स्तर के अधिकारी द्वारा जाँच की जाए जिससे किसी भी तरह का पक्षपात न हो सके एवं जाँच के बाद सम्पूर्ण विधिक प्रक्रिया फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाए साथ ही राज्य सरकार द्वारा बच्ची को 20 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए एवम समस्त नामजद आरोपी को तत्काल गिरफ्तार करके मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाए,जो आरोपी फरार है उनके जगह जगह बलात्कारी के रूप में पोस्टर लगाए जाए जब देश में सबका प्रचार हो सकता है तो ऐसे में फरार बलात्कारियो का भी प्रचार प्रसार फोटो के साथ होना चाहिए |
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