ए0 सूफियान
घाटमपुर। जहां सरकार प्रदेश में खनन माफियाओं पर शिकंजा कसने का दम भर रही है वहीँ भीतरगांव ब्लॉक के ग्राम उमरी में नियमों को ताक पर रख कर प्रशासन की नाक के नीचे ग्राम का प्रधान अपने रसूख का बेजा इस्तेमाल करते हुए तालाब में अवैध खनन को अंजाम दे रहा है। भूसे में गुम सूई ढूंढ़ लेने का दम भरने वाली उ0प्र0 पुलिस माफियाओं के कारनामों से निगाहें बरकाये बैठी है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ग्राम उमरी के मुख्य तालाब में ग्राम प्रधान धीरेंद्र सचान अपने दबंग साथियों के साथ मिल कर जे0सी0बी0 से खनन करा रहा है, जबकि सम्पूर्ण प्रदेश में व्यावसायिक गतिविधियों के लिए खनन पर रोक है। सूत्रों की मानें तो ग्राम प्रधान दबंगई के बल पर आये दिन खनन को अंजाम देता हैं और पुलिसिया सांठ गाँठ के चलते किसी प्रशासनिक अधिकारी के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती।
इस विषय पर जानकारी करने पर पता चला की अक्सर गाँव का प्रधान खनन कराता है, और उसे मनरेगा द्वारा तालाब सफाई कार्य के रूप में दर्शित कर देता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त मिटटी को एक गाँव के मकान की पुराई के लिए प्रयोग किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में परगना मजिस्ट्रेट नरवल से जानकारी किये जाने पर उन्होंने ऐसी किसी भी सूचना के होने से अनभिज्ञता जतायी है।
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