घाटमपुर। उत्तर प्रदेश सरकार बड़े बड़े दावे करती है और करोड़ों रूपए खर्च किए जाते हैं ।स्वस्थ्य रहने के लिए गांव गांव में स्वास्थ्य उपकेंद्र बना दिये गये है । लेकिन वहां कोई देखभाल करने वाला नहीं है।जहां दीवारों पर स्लोगन तो लिखा मिलेगा स्वच्छ जल स्वच्छ हवा,सौ रोगों की एक दवा। लेकिन दवा तो दूर उपकेंद्र के अन्दर लकड़ी, कण्डे, भूसा, प्रत्येक कमरे में भरा पड़ा मिला है। दरवाजे टूटे पड़े हैं मुख्य गेट टूटा हुआ है, सामने भैंसों को बांधने का अड्डा है। जहां लिखा है, हम पियेंगे शुद्ध पानी, तो होगी खुशहाल जिंदगानी लेकिन जब उपकेंद्र को देखा गया तो पता चला कि यहां पर न तो शुद्ध पानी है और न खुशी क्यों की इमारत व्यक्तिगत धरोहर बन चुकी है। गांव के लोग राजेश कुमार, श्याम बिहारी, मलखान ,राजपाल ,कल्लू, रामसिंह ने बताया कि जब से अस्पताल बना डाक्टर कभी नहीं आये। ग्राम प्रधान कानपुर में रहते हैं। उनकी सहमति से लोगों का कब्जा है।
बमबूरहा में स्वास्थ्य उपकेंद्र का हाल
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