ए. सूफियान
घाटमपुर। आज कस्बा घाटमपुर में आजाद हिन्दुस्तान के 71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इलाकाई उलेमा इकराम के नेतृत्व में भव्य तिरंगा शांति यात्रा निकाल कर कौमी एकता की एक बेहतरीन मिसाल पेश की।
घाटमपुर। आज कस्बा घाटमपुर में आजाद हिन्दुस्तान के 71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इलाकाई उलेमा इकराम के नेतृत्व में भव्य तिरंगा शांति यात्रा निकाल कर कौमी एकता की एक बेहतरीन मिसाल पेश की।
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ghatampur me tiranga yatra me hindustan jindabad ke nare lagate muslim samuday ke log |
शांति यात्रा में शामिल मुस्लिम नौजवान राष्ट पिता महात्मा गाॅंधी, संविधान निर्माता डा0 भीमराव अम्बेदकर, मिसाइल मैन पूर्व राष्टपति ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम, के चित्र हाथों में लिये हुए थे और वतनपरस्ती व कौमी एकता के नारे लगाते हुए चल रहे थे।
यात्रा में देशभक्ति गीत बज रहे थे, व सैकड़ों नौजवान हाथों में तिरंगा लहलहाते हुए, हिन्दुस्तान जिन्दाबाद, संविधान जिन्दाबाद के नारे लगाते हुए चल रहे थे। तिरंगा शांति यात्रा में आशा से अधिक लोग शामिल हुए और एक दूसरे को गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें भी दीं। नगर के विभिन्न मार्गों से होती हुई तिरंगा शांति यात्रा सकुशल ढंग से शांतिपूर्वक कजियाना मैदान में पहुंची। तिरंगा शांति यात्रा में नौजवानों के साथ-साथ बुजुर्गों और बच्चों की भी भारी भीड़ रही।
तिरंगा शांति यात्रा को सम्बोधित करते हुए शहर काजी मौलाना सरताज रजा नूरी
ने मुल्क की स्वतंत्रता के दौरान उलेमा-ए-इकराम और कौम के लोगों की
कुर्बानियों को याद दिलाया और आने वाले वक्त में लोगों को मुल्क के लिये
अपनी जान न्योछावर करने का संदेश दिया। शहर काजी ने आगे कहा कि हिन्दुस्तान
में हम सभी हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई सभी आपस में प्यार से मिलजुलकर रहते
आये हैं और हमेशा इसी तरह मिल जुल कर रहेंगे। वहीं मुफ्ती सईद कासिमी ने
कहा कि कौमी एकता हमारी सबसे खूबसूरत खासियत है, जिसे हमें हर हाल में बना
कर रखना है, और हम बनाकर रखेंगे।
शांति यात्रा में कस्बे के सभी मसलक के
उलेमा ने अपने सभी मतभेद भुलाकर हाथों की जंजीर बनाते हुए एक पंक्ति में
साथ चलकर तिरंगा शांति यात्रा का नेतृत्व किया और सभी अवाम को फिरकापरस्त
ताकतों से सावधान रहने की गुजारिश की और मुल्क की तरक्की के लिये सभी आपसी
मतभेदों को भुलाकर एक होने की अपील की। तिरंगा शांति यात्रा अपराह्न 4 बजे
शांतिपूर्वक सम्पन्न हुई। इस अवसर पर सरफराज अहमद, मो0 हुजैफा, कारी लईक,
मौलाना अकरम नदवी, मौलाना नाजिम नदवी, मौलाना शमीम कासमी, मौलाना मो0 अहमद
साहब, मौलाना अफजल, इस्लाम कुरैशी, पप्पू भाई, उजैफ अंसारी उर्फ गोलू,
अध्यापक नूरआलम कुरैशी, हाफिज अब्दुल अहद, ओवैस अन्सारी, सुफियान समी,
गुलवेज शेख, हाफिज नाजिश कमाल आदि ने प्रबंधन संभाला। इस मौके पर पुलिस
मुस्तैद रही।
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