आवाज स्टाफ
नई दिल्ली
महिला अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करने वाले दिल्ली के जाने माने संगठन 'पिंजड़ा तोड़' ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया की शोधार्थी छात्रा सफूरा जरगर को जमानत नहीं दिए जाने की कड़ी निंदा करते हुए विरोध की आवाज का अपराधीकरण बंद करने और सफूरा को तत्काल रिहा करने की मांग की है।
'पिंजड़ा तोड़' ने एक बयान जारी कर शुक्रवार को कहा कि दिल्ली हिंसा में सफूरा के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं पाए जाने के बावजूद उनकी जमानत नामंजूर कर दी गई।
सफूरा 21 सप्ताह की गर्भवती है और उसे पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम है जिससे गर्भपात की आशंका बढ़ती है। इसके बावजूद जमानत याचिका में उसके स्वास्थ्य का ख्याल नहीं रखा गया है।
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