रिपोर्ट पास्टर जगराम सिंह घाटमपुर कानपुर नगर
कानपुर/तहसील नरवल , ब्लाक भीतरगांव के सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में स्वास्थ्य कर्मियों की टीम ने जिला अधिकारी के सन्देश को पढ़ कर स्पर्श कुष्ठ रोग जागरूकता अभियान 30 जनवरी से 13 फरवरी तक पूरा करने की सपथ ली है।
आपको बताते चलें कि कुष्ठ रोग हर साल 30 जनवरी को विश्व कुष्ठ रोग दिवस के रूप में मनाया जाता है। गांधी जी बेहद दयालु प्रवृति के व्यक्ति थे। उन्हें समाज के सभी वर्गों के लोगों से बराबर स्नेह था।
खासकर रोगियों के प्रति उनके मन में बेहद प्यार और दुलार था। गांधी जी छूआछूत के खिलाफ थे। उनका मानना था कि छूआछूत से समाज में असमानता फैलती है। राष्ट्रपति महात्मा गांधी ने कुष्ठ रोगियों को समाज की मुख्य धारा से जोडऩे के लिए सफल प्रयास किया। इसके चलते उनकी पुण्यतिथि पर विश्व कुष्ठ रोग दिवस मनाया जाता है। हालांकि, इसकी शुरुआत फ्रांस के समाजसेवी ने की थी। अगर आपको नहीं पता है, तो आइए विश्व कुष्ठ रोग दिवस के बारे में सब कुछ जानते हैं-
कुष्ठ रोग क्या है?
कुष्ठ रोग दिवस मनाने की शुरुआत राउल फोलेरो ने सन 1954 ई में इसकी शुरुआत की। उन्होंने (गांधी जी के कुष्ठ रोगियों के प्रति दया और स्नेह) यह दिवस गांधी जी को समर्पित किया है।
यह एक जीर्ण संक्रमण रोग है। इससे त्वचा, श्वसन तंत्र, आंखें और तंत्रिकाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह बीमारी मायकोबैक्टीरियम लैप्री नामक जीवाणु के चलते होती है। वतर्मान समय में इसकी दवाये उपलब्ध है।
अतः कुष्ठ रोग अब संक्रामक नहीं है। हालांकि, मरीज के लगातार संपर्क में बने रहने से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए कुष्ठ रोग के मरीजों को दवायें लेना चाहिए। वहीं, मरीज के आगुंतकों को भी आवश्यक सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए। पहले कुष्ठ रोग के प्रति ऐसा मत था कि यह रोग छूने से फैलता है। यह सरासर गलत और भ्रामक है।
इसी बात को लेकर स्वास्थ्य कर्मचारी अशोक कुमार ने बताया कि समाज , स्कूलों, गांवों में जाकर लोगों को जागरूक करने की सपथ ली गई है ।
मौके पर अशोक कुमार NMA, विद्या भदौरिया HV, चन्द्र प्रकाश DRA, मयंक सचान TBHV, गायत्री ANM,आकाश LT, जेपी गुप्ता HS, प्रभाकान्त मिश्रा, सुशील तिवारी आदि उपस्थित रहे।
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