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बलिया पेपर लीक मामले में पत्रकारों को ही जेल भेजने के विरोध में दिया गया ज्ञापन

रिपोर्ट जगराम सिंह घाटमपुर

घाटमपुर पत्रकार एशोसिएशन के लोग



घाटमपुर। सोमवार को दोपहर 12 बजे घाटमपुर पत्रकार एशोसिएशन के लोगों ने उपजिलाधिकारी के द्वारा राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन।
दिनों-दिन पत्रकारों पर बढते अत्याचारों एवं जिला बलिया के तीन पत्रकारों पर राज्य की मशीनरी के दुरूपयोग की अन्यायपूर्ण कार्यवाही के विरोध में आज घाटमपुर क्षेत्र के समस्त पत्रकारों ने ‘‘पत्रकार एसोसिएशन घाटमपुर(रजि0)‘‘ के बैनर तले एकत्रित होकर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा। ज्ञापन में पत्रकारों ने जिला बलिया में नकल माफियाओं के वर्चस्व को रेखांकित करते हुए नकलमाफियाओं व उच्चाधिकारियों के सिंडीकेट की विस्तृत जाॅच कराये जाने की मांग करते हुए झूठे आरोपों में जेल भेजे गये तीनांे पत्रकारों अजीत ओझा, दिग्विजय सिंह, मनोज गुप्ता, को रिहा करने व गलत ढंग से कार्यवाही करने वाले बलिया जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियांे पर कार्यवाही करने की मांग की।
विदित हो कि जिला बलिया जो कि पूर्व से ही बोर्ड परीक्षाओं की नकल कराने के लिये कुख्यात रहा है, वहीं पर क्षेत्र के तीन पत्रकार श्री अजीत ओझा, दिग्विजय सिंह, मनोज गुप्ता, जो कि तीनों ही प्रतिष्ठित दैनिक समाचारपत्रों के संवाददाता हैं, द्वारा संस्कृत एवं अंग्रेजी के प्रश्नपत्रों एवं उनके उत्तरित कापियों के सोशल मीडिया पर वायरल होने व उत्तरित कापियों को ऊंचे दामों पर बेंचे जाने की खबर सूत्रों से मिलने पर जिला विद्यालय निरीक्षक को सूचना देने एवं वर्जन लेने के उपरांत बलिया जिलाधिकारी द्वारा पत्रकारों को स्वयं फोन कर अपने व्हाट्सअप पर वायरल प्रश्नपत्र व उत्तरित कापियों को मांगा गया था। अगले दिन विभिन्न समाचार पत्रों में वायरल पेपर व उत्तरित कापियों की तस्वीर के साथ खबर प्रकाशित हुई थी। जिससे नाराज हुये बलिया जिला प्रशासन द्वारा उपरोक्त पत्रकारों के विरूद्ध ही प्रश्नपत्र वायरल करने के आरोप में मुकदमा दर्ज करने की अन्यायपूर्ण कार्यवाही करते हुए गिरफ्तार करवा कर जेल भेज दिया गया। जिससे प्रतीत होता है कि बलिया के जिला प्रशासन का जोर नकल कराने वाले अपराधियों पर शिकंजा कसने में कम और अपराध पर पर्दा डालने पर अधिक रहा है।
वहीं गिरफ्तार किये गये पत्रकार दिग्विजय सिंह के अनुसार उच्चाधिकारी लगातार उनसे उनके सूत्र की जानकारी मांगते रहे एवं परेशान करते रहे, जबकि वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट व व्हिसिल ब्लोअर एक्ट में स्पष्ट है कि किसी भी पत्रकार को उसके सूत्र के विषय में जानकारी देने को मजबूर नहीं किया जा सकता। जिससे स्पष्ट होता है कि पत्रकारों के ऊपर अन्यायपूर्ण कार्यवाहियों को अंजाम देने की जल्दी में तमाम कानूनी मर्यादाओं की चिंदियाॅं भी उड़ा दी गईं, पत्रकारों ने मामले की जाॅच कर दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है।
उपरोक्त मामले में राय रखते हुए एसोसिएशन के महामंत्री ए. सूफियान ने कहा कि सम्पूर्ण मामले की जाॅंच की जानी चाहिये और पत्रकारों को तत्काल प्रभाव से रिहा किया जाना चाहिये।

इस दौरान कार्यक्रम में संगठन के अध्यक्ष शीराजी, महामंत्री ए. सूफियान, विवेक पाल, अभिषेक यादव, राजू तिवारी, मधुसूदन यादव, अंजनी शर्मा, आलोक त्रिवेदी, जगराम सिंह, मोहित सिंह उर्फ कमाण्डो ठाकुर, दीपेन्द्र प्रताप सिंह, मुजीम अली, गुफरान, अभिषेक कुमार, मधुसूदन यादव, नितिन यादव, रजत सिंह, सतीश पाण्डेय, शुभम साहू, भारती शर्मा, विपिन गुप्ता, विनीत साहू, वीरेन्द्र कुशवाहा, वीरेन्द्र सिंह, समेत करीब आधा सैकड़ा पत्रकार मौजूद रहे।

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