आवाज ब्यूरो।
गोवा के मुख्यमंत्री एवं पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, जो पिछले साल से पैनक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे थे, आज शाम पणजी स्थित अपने बेटे के निवास पर गुजर गये। वह 63 वर्ष के थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर मनोहर पर्रिकर की मृत्यु पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि, ‘‘उन्होंने दृढता और गरिमा से अपनी बीमारी का सामना किया। सार्वजनिक जीवन में सत्यनिष्ठा और समर्पण के प्रतीक रहे श्री पर्रिकर ने गोवा की और भारत की जो सेवा की है, वह हमेशा याद रखी जायेगी।
आई0आई0टी0-बाम्बे से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक के रूप में राजनीतिक सफर शुरू करने वाले पर्रिकर बाद में चार बार गोवा के मुख्यमंत्री बने और नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री जैसे अहम पद पर रहे।
वह भाजपा के उन अग्रणी नेताओं में से थे, जो पार्टी के सभी वर्गों में स्वीकार्य थे। उन्होंने गोवा में कांग्रेस के किले को ढहाने में, भाजपा को एक मुख्य शक्ति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
अपने कार्यकाल के दौरान पर्रिकर ने भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान आक्यूपाइड कश्मीर में की गई सर्जिकल स्ट्राइक की भूरि-भूरि प्रशंसा की थी।
फरवरी 2018 में सर्वप्रथम उनका स्वास्थ्य गड़बड़ होना शुरू हुआ और उन्हें सर्वप्रथम लीलावती हास्पिटल में भर्ती कराया गया। पिछले वर्ष मार्च में उन्हें अमेरिका के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पर्रिकर ने इसी वर्ष 2 जनवरी को सभी को हैरत में डाल दिया था जब वे करीब दो माह बाद अपने ऑफिस पहुंचे।
उन्होंने 19 जनवरी को असेम्बली में बजट सेशन में भी हिस्सा लिया और अगले दिन बजट भी पेश किया था। सेशन के अंतिम दिन 31 जनवरी को, उन्हें इलाज के लिये एम्स, नई दिल्ली, ले जाया गया था। फिर वे 5 फरवरी को गोआ लौट गये थे।
मनोहर पर्रिकर ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के साथ ‘अटल बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन‘ को भी संबोधित किया था।
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