आवाज ब्यूरो । दिल्ली की एक अदालत ने जेएनयू के छात्र नजीब अहमद के लापता होने के मामले में जांच बंद करने की रिपोर्ट संबंधी सभी बयान और दस्तावेजों की प्रतियां दो हफ्ते के भीतर नजीब की मां को मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।
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फोटो सोशल मीडिया |
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नवीन कुमार कश्यप ने जांच एजेंसी को भौतिक या इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में इन्हें मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। मामले में जांच करने वाले अधिकारियों को सात मई को निजी तौर पर पेश होने के लिए कहा है।
मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ अहमद की मां फातिमा नफीस की ओर से दायर की गयी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत का यह आदेश आया।
अहमद की मां की ओ
अक्टूबर 2016 में ए0बी0वी0पी0 के छात्रों के साथ विवाद होने के बाद नजीब गायब हो गया था। मामले के खुलासे में दिल्ली पुलिस के असफल रहने पर मामले को 2017 में सी0बी0आई0 को सौंपा गया। एक साल बीत जाने के बाद भी सी0बी0आई0 ने कहा कि नजीब पर उसके पास कोई सुराग नही है।
नजीब के गायब होने के करीब 2 साल बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल सी0बी0आई0 को विवेचना की क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने की अनुमति दी थी।
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