ए. सूफियान
घातमपुर। भीषण गर्मी से बेहाल जानवरों और मवेशियों के पानी पीने का कोई इंतजाम प्रशासन करता नजर नहीं आ रहा है। तहसील क्षेत्र के सैकड़ों गाँवों में तालाब धूल फांक रहे हैं। विदित हो कि गाँव में तालाब वर्षा जल संचयन करने के साथ साथ पशु पक्षियों को पानी पीने की सुविधाएं भी उपलब्ध कराते हैं। परंतु तालाबों की देखरेख न होने से भीषण गर्मी में तालाबों में पानी की एक बूँद भी नहीं बची है। पिछले समय में शासन स्तर पर मनरेगा द्वारा तालाबों को भरवाने का आदेश जारी हुआ था, कुछ समय तक तो आदेशों का पालन हुआ और तालाबों के दिन बहुरे। परंतु कुछ ही समय बाद प्रशासनिक उदासीनता के कारण तालाब पुनः कूड़े के ढेरों में तब्दील होने लगे हैं।
जिससे लोमड़ी, सियार, अन्ना मवेशी गाँव के भीतर घरों में घुस आते हैं। जिससे ग्रामीणों को खतरा बराबर बना रहता है। ग्रामीणों के अनुसार ग्राम प्रधानों ने गरमी की शुरुआत में कहा था कि तालाब भरवाये जाएंगे, परंतु बाद में शासन से पैसा न जारी होंने की बात कह कर पानी भरवाने से इंकार कर दिया गया। भीषण गर्मी में पेय जल उपलब्धता न होने से पक्षियों और गौरैयों के मरने का सिलसिला जारी है। तालाब न भरवाने से लोगों में प्रशासन के प्रति आक्रोश व्याप्त है।
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