पास्टर जगराम सिंह:-
घाटमपुर । एक तरफ जहां कानपुर पुलिस अपराध रोकने के लिये हाफ एनकाउंटर करके अपराधियों में दहशत देने का काम कर रही है । वहीं कहीं कहीं तो अपराध करने वाले अपराधियों को ही पुलिस नही जान सकी । जी हां ऐसा ही कुछ देखने को मिला घाटमपुर पुलिस द्वारा जो हत्या के आठ माह बीत जाने के बाद भी आज तक आरोपियों का कोई सुराग नही निकाल सकी है । हत्या के करीब आठ माह बीत जाने के बाद भी पुलिस प्रदीप उर्फ दीपू गुप्ता हत्याकांड का राजफाश नही कर पाई है । बताते चले कि कोतवाली क्षेत्र के बौहार गांव निवासी प्रदीप उर्फ दीपू गुप्ता कानपुर में रहकर काम धंधे की तलाश कर रहा था । जो 17 दिसम्बर को गांव से कानपुर के लिये घर से गया था । दूसरे दिन 18 दिसम्बर को प्रदीप गुप्ता का शव घाटमपुर रेलवे क्रासिंग के पास रेलवे कॉलोनियों के समीप पड़ा हुआ मिला था । पुलिस ने अज्ञात पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया था लेकिन आठ माह बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली है ।
आठ माह में करीब 3 थानेदार बदल गए । लेकिन किसी ने प्रदीप के हत्यारों को पकड़ने में दिलचस्पी नही दिखाई । वही प्रदीप के पिता व माँ ने राष्ट्रपति को भी पत्र भेजा था । बावजूद इसके अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई । कानपुर के तेज तर्रार एसएसपी अनंतदेव तिवारी जो अपराध रोकने के लिए अपराधियों को पकड़ने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं । बावजूद इसके क्या प्रदीप के हत्यारे इसी तरह खुलेआम घूमते रहेंगे क्या प्रदीप के बुजुर्ग मां बाप को इंसाफ नही मिलेगा इसी तरह हत्यारे किसी और घटना को भी अंजाम दे रहे होंगे ।
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