आवाज़ ब्यूरो
नयी दिल्ली। मनोज मुकुंद नरवणे ने मंगलवार को 28वें सेनाध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया।
समाचार एजेंसी 'यूनीवार्ता' के अनुसार जनरल नरवणे को जनरल बिपिन रावत के स्थान पर यह जिम्मेदारी दी गयी है जो तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद आज सेना प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हो गये। जनरल रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया है। वह बुधवार को सीडीएस का पद संभालेंगे।
साउथ ब्लाक में सलामी गारद का निरीक्षण करने के बाद जनरल रावत ने संवाददाताओं से कहा “मुझे पूरा विश्वास है कि वह (जनरल नरवाणे) सेना को नयी ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।” जनरल रावत ने जनरल नरवणे को सेना की बागडोर सौंपने के साथ-साथ सेना प्रमुख का बैटन भी सौंपा।
जनरल नरवणे काे सितंबर में सेना उप प्रमुख नियुक्त किया गया था। इससे पहले वह सेना की पूर्वी कमान का नेतृत्व कर रहे थे, जो चीन के साथ लगती भारत की लगभग 4,000 किलोमीटर सीमा की निगरानी करती है। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी के कैडेट रहे हैं। उन्हें जून 1980 में सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट की सातवीं बटालियन में कमीशन मिला था।
नये सेना प्रमुख ने 37 वर्ष की सैन्य सेवा के दौरान जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में शांतिकाल तथा अत्यधिक सक्रिय आतंकवाद रोधी स्थितियों में कई कमान और स्टाफ नियुक्तियों पर काम किया है। वह जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स और पूर्वी मोर्चे पर एक पैदल सेना ब्रिगेड की कमान भी संभाल चुके हैं।
जम्मू और कश्मीर में विशिष्ट नेतृत्व के लिए जनरल नरवणे को ‘सेना पदक’ (विशिष्ट) से सम्मानित किया गया था। उन्हें नागालैंड में असम राइफल्स (उत्तर) के महानिरीक्षक के रूप में अपनी सेवाओं के लिए ‘विशिष्ट सेवा पदक’ और प्रतिष्ठित स्ट्राइक कोर की कमान संभालने के लिए ‘अति विशिष्ट सेवा पदक’से भी नवाजा जा चुका है।
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