ए. सूफियान
- प्रशासन व आलिमों की अपील पर नमाज पढ़ने को इकठ्ठा नहीं हुए लोग
- लोगों ने अपने अपने घर पर जुमा की नमाज़ अदा की
- कसबे की विभिन्न मस्जिदों के मुख्य दरवाजों पर मौजूद रहे ताले
घाटमपुर। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस कोविड-19 के प्रकोप के दौरान इलाके की मस्जिदों में नमाजियों के इकट्ठा होने की संभावना से परेशान प्रशासन ने आज राहत की सास ली जब इलाके के लोगों ने मस्जिद जाने के बजाय घर पर ही रहकर नमाज पढना मुनासिब समझा।
ज्ञात हो कि विभिन्न मजहबी इदारों सुन्नी सेट्रल वक्फ बोर्ड व शहर काजियों द्वारा नमाजियों से घर पर ही रहकर नमाज पढने की अपील की गई थी।
कसबा घाटमपुर की करीब सभी मस्जिदों के बाहर इन अपीलों को चस्पा किया गया था। एवं कस्बे की मुख्य मस्जिदों जामा मस्जिद मस्जिद लियाक़त हुसैन वाली मस्जिद, अरब शाह मस्जिद में मुख्य दरवाजों पर ताले मौजूद थे।
इस बाबत बात करने पर इलाकाई लोगों ने कोरोना वायरस के साथ जंग में केंद्र व राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष करने की बात कहते हुए बताया कि वे सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल करते हुए अपने अपने घरों में जुमे की नमाज के बजाय जोहर की नमाज अदा करेंगे और इस बीमारी से इंसान को निजात दिलाने की दुआ भी अल्लाह से करेंगे।
इस मौके पर बोलते हुए एडवोकेट एजाज अहमद ने कहा कि “वे कोरोना वायरस के साथ संघर्ष में शाना-ब-शाना सरकार व प्रशासन के साथ हैं।“
वहीं कस्बे के ही शायर शरीफ शहबाज़ ने बातचीत के दौरान बताया कि क़ौम के उलमा-ए-कराम की ओर से भी मस्जिदों में नमाज अदा किये जाने के बजाय घरों में नमाज अदा करने की सिफारिश की गई है। दुनिया में फैल रही बीमारी को काबू करने के प्रयासों के सहयोग के क्रम में वह भी घर पर ही नमाज पढेंगे।
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