ए. सूफियान
कानपुर ।
उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में सरकार द्वारा संचालित बालिका गृह की संवासिनियों के कोरोना संक्रमित मिलने व गर्भवती होने की खबरें प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रसारित होने पर अज्ञात मीडिया संस्थानों के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमें के मामले ने तूल पकड़ लिया है।
प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (भारतीय प्रेस परिषद) ने मामले को संज्ञान में लेकर प्रदेश सरकार पूरे प्रकरण में जवाब तलब किया है। इससे सच्चाई सामने लाने वाले मीडिया कर्मियों का संबल बढ़ा है।
स्वरूप नगर थानांतर्गत स्थित राजकीय बालिका गृह (संवासिनी गृह) में संवासिनियों के कोरोना संक्रमित मिलने पर प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने खबरों के माध्यम से सच्चाई उजागर की थी। इसमें संवासिनियों के गर्भवती होने के मामले की भी काफी चर्चा हुई। इस पर जिला प्रशासन ने मीडिया की आवाज दबाने के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी के माध्यम से स्वरूप नगर थाने में अज्ञात मीडिया संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
भारतीय प्रेस परिषद के चैयरमैन न्यायमूर्ति चंद्रमौलि कुमार प्रसाद ने मामले का संज्ञान लिया है।
उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से इस मामले पर वास्तविकता के तथ्यों के साथ जवाब मांगा है। इससे जिले समेत प्रदेश के मीडिया कर्मियों की ताकत बढ़ी है। काउंसिल के सदस्य श्याम सिंह पंवार ने बताया कि भारतीय प्रेस परिषद पत्रकारों के हितों की सुरक्षा के लिए हमेशा आगे रहता है। किसी का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा।
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