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17.8.20

बेसहारा विधवा बहू व बच्चों को इंसाफ दिलाने पहुंची गुलाबी गैंग पर पथराव

आवाज़ ब्यूरो


कानपुर । बाप की मौत के बाद बेसहारा बच्चों और उनकी माॅं को क्या-क्या दुर्दिन देखने पड़ते हैं। इसका नजारा सोमवार को देखने को मिला। जब नाबालिग बेसहारा बच्चों को उसके ही दादा-दादी ने घर में शरण देने से इंकार कर दिया और बच्चों की पैरवी के लिये पहुंची गुलाबी गैंग की सदस्याओं पर ईंट पत्थरों से जोरदार बारिश कर दी। जिसमें कईयों के सर फूटते बचे और दो महिलायें पत्थर लगने से चुटहिल भी हो गयीं। सोशल मीडिया पर घटनाक्रम वायरल होने पर नायब तहसीलदार हरिश्चन्द्र सोनी, तहसील के अमले व इंस्पेक्टर घाटमपुर सत्यदेव शर्मा थाने की फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। कई घण्टे मान-मनौव्वल का दौर चला परन्तु बुजुर्ग ने अपनी विधवा बहू व नाबालिग नाती व नातिन की ज़र्रा बराबर भी मदद करने से इंकार कर दिया।


जमीन पर बैठी पीड़िता विधवा बहू व बच्चे
जमीन पर बैठी पीड़िता विधवा बहू व बच्चे

घाटमपुर कस्बे के जवाहर नगर मोहल्ला निवासिनी विधवा रीता देवी बताती हैं कि तीन वर्ष पहले अपने पिता के उद्यंड व्यवहार से आजिज आकर उनके पति बलवंत सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद ससुर जसवन्त सिंह ने पीड़िता रीता को उसकी नाबालिग बच्ची पलक व नाबालिग पुत्र नयन को घर से निकाल दिया। तब से वे दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।


ससुर को समझाने का प्रयास करते प्राशासनिक अफसर
ससुर को समझाने का प्रयास करते प्राशासनिक अफसर

रीता कथित तौर पर पिछले दो सालों से अपने बच्चो का हक व अधिकार पाने तथा बच्चों की परवरिश के लिये सर पर एक अदद छत के लिये प्रशासनिक व पुलिस अफसरों के दफ्तरों के दरवाजों पर दस्तक देती घूम रही है। परन्तु उद्यंड दबंग ससुर जसवन्त सिंह के आगे प्रशासन की भी एक न चली। सोमवार को पीड़िता थाने पहुंची तो पुलिस पीड़िता रीता को उसके ससुर के मकान के पास छोड़कर चली गयी। परन्तु ससुर ने दरवाजा नहीं खोला ऊपर से कथित तौर पर जान से मारने की धमकी भी दी। जिस पर निराश होकर रीता अपने दोनों बच्चों के साथ दरवाजे पर ही बैठकर अपनी बेबसी पर आॅंसू बहा रही थी। तभी यह घटनाक्रम सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और सूचना गुलाबी गैंग की सदस्याओं के पास पहुंची। जिस पर गुलाबी गैंग की महिलायें पीड़िता रीता देवी से मिलने पहुंचीं जिस पर रीता ने रो-रो कर अपनी दास्तान सुनाई। जिस पर गुलाबी गैंग की महिलाओं ने ससुर जसवन्त सिंह सेे वार्ता करनी चाही और समझाने का प्रयास किया तो बातचीत करने के बजाय आरोप है कि उक्त दबंग जसवन्त ने महिलाओं पर छत से पत्थर बरसा दिये। जिससे दो महिलायें चुटहिल हो गयीं।


गुलाबी गैंग की महिलाओं ने बताया कि प्रशासन को जानकारी देने पर कुछ देर बाद नायब तहसीलदार हरिश्चन्द्र सोनी, इंस्पेक्टर सत्यदेव शर्मा थाने का फोर्स लेकर मौके पर पहुंचे। सभी ने जसवन्त को अत्यधिक समझाने का प्रयास किया। पुलिस-प्रशासन व जसवन्त के बीच हाई वोल्टेज ड्रामा कई घण्टे चला परन्तु जसवन्त ने दरवाजा नहीं खोला, उल्टा मर जाने की धमकी देता रहा। जसवन्त का कथन स्पष्ट था कि मैं किसी को फूटी कौड़ी नहीं दूूंगा, न ही शरण दूॅंगा। जिस पर अन्त में नायब तहसीलदार ने उपजिलाधिकार से फोन पर वार्ता करने के बाद दोनों पक्षों को मंगलवार को तय समय पर उपजिलाधिकारी कार्यालय बुलाया, और वहीं पर अन्तिम निर्णय होनेे की बात कही। इस मौके पर गुलाबी गैंग की जिलाउपाध्यक्ष नेहा सचान तहसील अध्यक्ष प्रभुता सचान ममता सचान कोषाध्यक्ष मन्दाकिनी सचान रेखा सचान मीडिया प्रभारी प्रियंका सचान रूबी सचान सहित करीब एक दर्जन महिलाएं व नायब तहसीलदार हरिश्चंद्र सोनी थानाध्यक्ष सत्यदेव शर्मा कस्बा चैकी इंचार्ज सत्यपाल सिंह एसआई धीरज कुमार एसआई उमा सिंह एसआई पूजा यादव सहित पुलिस फोर्स मौजूद रहा।


भाई के मकान पर अवैध कब्जा किये है जसवन्त

हाई वोल्टेज ड्रामा के दौरान ही उक्त दबंग जसवन्त के सगे भाई भी साइकिल से मौके पर पहुंचे और बताया कि इस मकान में उनका भी एक तिहाई का हिस्सा है। इस मकान के बैनामे में उनका हिस्सा एक तिहाई स्पष्ट दर्ज है। परन्तु उक्त जसवन्त ने दबंगई से पूरे मकान पर कब्जा कर रखा है और किसी को भी अन्दर नहीं जाने देता है। जिससे मजबूर होकर वे अपने परिवार के साथ अन्यत्र रहने को विवश हैं। उन्होंने पुलिस प्रशासन से कहा कि मेरे हिस्से पर पीड़िता विधवा रीता और उसके बच्चों को रख दिया जाये। मुझे कोई आपत्ति नहीं है। परन्तु जसवन्त मानने को तैयार नहीं हुआ। जिस पर प्रशासन ने उसे मंगलवार को उपजिलाधिकारी कार्यालय बुलाया है।


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